डॉ० रिंकी अग्रहरि का UPPSC में चयन, बनी चिकित्सा अधिकारी


कहते है शिक्षा में ही विकास का मूल व्याप्त है। शिक्षा एक ऐसा यंत्र है, जो सभी को जीवन में आगे बढ़ने और कामयाब होने के साथ ही जीवन में कठिनाइयों और चुनौतियों पर जीत प्राप्त करने की क्षमता देती है। इसे बहुत अच्छे तरीके से साबित किया है हमारे अग्रहरि समाज की डॉ० रिंकी अग्रहरि ने, जिन्होंने तमाम चुनौतियो का सामना करते हुए व खुद के अथक परिश्रम के बूते  सफलता का परचम लहरा दिया है।



उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद अंतर्गत कादीपुर तहसील के बेलवाई बाज़ार मे छेदीलाल अग्रहरि और श्रीमती गीता देवी के घर पुत्री के रूप में रिंकी अग्रहरि का जन्म हुआ।  

डॉ० रिंकी अग्रहरि का उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा संचालित प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर एलोपैथिक चिकित्सा अधिकारी बन गई है। उनके अफसर के पद पर चयन होने पर उनके परिवार व पूरे इलाके मे खुशी का माहौल है। डॉ० रिंकी की प्रारंभिक शिक्षा बेहद ही सामान्य एवं ग्रामीण परिवेश हुआ। गाँव के ही प्राइमरी स्कूल से उनकी शिक्षा का सफ़र शरू हुआ था। साल 2009 मे MBBS के लिए कानपूर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज मे उनका चयन हुआ और फिलहाल वें लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय से MD की डिग्री कर रही है।

रिंकी अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता और अध्यापकों को देती है। उनकी प्रेरणा की श्रोत उनकी बड़ी बहन विनीता अग्रहरि है, जो वर्तमान में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अंतर्गत बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर सेवा दें रही है। 
अग्रहरि समाज डॉ० रिकी अग्रहरि (एलोपैथिक चिकित्सा अधिकारी) व उनके परिवार की उज्जवल भविष्य की कामना करता है।  



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