समाज के नामी साहित्यकार एवं कवि

बलदेव अग्रहरि (Baladev Agrahari)

स्वर्गीय श्री बलदेव अग्रहरि एक भारतेन्दुयुगीन साहित्यकार, लेखक एवं नाटककार थे। सन् १८८७ मे प्रकाशित आपकी नाट्य पुस्तक 'सुलोचना सती' को अत्यधिक ख्याति मिली, जिसमें सुलोचना की कथा के साथ-साथ आधुनिक कथा को भी स्थान दिया गया हैं। बलदेव अग्रहरि के "सुलोचना सती" नाटक में देश सुधारको एवं संपादको पर व्यंग्य किया गया हैं। कई नाटको में मुख्य कथानक ही यथार्थ चित्रण प्रस्तुत करते हैं। भरतेंदुकालीन नाट्य साहित्य एवं इतिहास में श्री अग्रहरि का विशिष्ट स्थान एवं उल्लेख हैं।

कृतियाँ (जो संज्ञान में हैं) : सुलोचना सती, १८८७ (नाटक)

विश्वम्भर प्रसाद 'गुप्त्बंधू' (Vishwambhar Prasad 'Gupt Bandhu')

साहित्यकार स्व. श्री विश्वम्भर प्रसाद 'गुप्तबंधू' का जन्म ३ अगस्त सन १९१८ में अशोथर जनपद फतेहपुर में हुआ था।  गुप्त्बंधू की साहित्यिक कृतियाँ भारत के राष्ट्रपति द्वारा कई बार पुरस्कृत की जा चुकी हैं।  इन्होंने कई वर्ष तक भारत सरकार के केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग का हिन्दी शाखा में कार्यपालक अभियंता तथा संपर्क अधिकारी (हिन्दी) के रूप में सेवा प्रदान किया।  सन १९६३ में विभाग द्वारा भारत सरकार की वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग की इंजीनियरिंग विशेषज्ञ समिति के सदस्य नामित हुए थे। आपको दो बार राष्ट्रपति पुरस्कार औए एक बार भारत सरकार का पुरस्कार प्राप्त हैं।

प्रकाशित कृतियाँ : (१) देहात की समस्याएँ (२) अचल संपत्ति का मूल्यांकन (३) हवाई घोडा (४) लोकतन्त्र का जन्म (५) कुदरती कैमरा (६) भोजन क्यों, और कितना (७) भागीरथी (खण्डकाव्य) (८) सावित्री (नाटक) (९) भायप (नाटक) (१०) पिता की खोज (११) जगरानी माँ (१२) अनल - प्रकाश (महाकाव्य)


त्रिवेदी प्रसाद 'अकेला' (Trivedi Prasad 'Akela)

स्वर्गीय त्रिवेदी प्रसाद 'अकेला' का जन्म ११ जुलाई सन १९४८ को जौनपुर जिला के शाहगंज शहर में एक सुप्रतिष्ठित अग्राहरी परिवार में हुआ था।  वें शाहगंज स्थित अकेला पुस्तकालय  संस्थापक थे।  सन १९६७ में मध्य प्रदेश अग्रहरि मिलाप समिति (जबलपुर) ने आपके साहित्यिक कृतियों के आधार पर 'अग्रहरि कुलभूषण' की उपाधि  से अलंकृत किया।

कृतियाँ : (१) विचार रत्न (सूक्तियाँ) (२) साधना के फूल (3) अशेष (४) ह्रदय (५) अलका (काव्य संग्रह)  (६) त्रिवेणी (काव्य संग्रह व मुक्तक) (७) ममता (कहानी संग्रह) 


ध्रुव प्रसाद अग्रहरि (Dhruv Prasad Agrahari)

श्री ध्रुव प्रसाद अग्रहरि हिन्दी साहित्य एवं अंग्रेजी साहित्य के मर्मज्ञ थे।  इनका जन्म १-३-१९९१ को बिहार प्रान्त के साबुनहोली, सिवान में हुआ था।  आपके पिता का नाम स्व. बलदेव प्रसाद अग्रहरि था।  ध्रुव जी बिहार सरकार के सहकारिता विभाग में राजपत्रिक पदाधिकारी के रूप में कई वर्षो तक सेवा प्रदान किया।  आप मुख्यतः कल्पना और प्रकृति के कवि थे।

प्रकाशित कृतियाँ : (१) दाहा के किनारे (कविता संग्रह)  (२) गली से चौक तक (कविता संग्रह) (४) बेक टू द सेम स्ट्रीट (अंग्रेजी कविता संकलन)

सीताराम अग्रहरि 'प्रकाश'(Sitaram Agrahari 'Prakash')

सन १९५७ मे नेपाल के दुहबी में जन्मे श्री सीताराम अग्रहरि 'प्रकाश' जी एक प्रसिद्ध  साहित्यकार, कवि, कथाकार  एवं पत्रकार हैं। सीताराम जी  नेपाल के सबसे पुराने अखबार गोरखापत्र के मुख्य संम्पादक हैं। आप राजर्षि जनक प्रतिभा पुरस्कार, २०११ एवं राजस्थान पत्रिका पुरस्कार से सम्मानित हैं। राजनीति विज्ञान मे परास्नातक (M.A. in Political Science),  हिन्दी मे परास्नातक (M.A. in Hindi) और बी.ए. (ओनर्स) और  इंडियन इन्स्टिट्यूड ऑफ मास कम्युनिकेशन, भारत से पत्रकारिता में डिप्लोमा करने वाले श्री सीताराम जी लन्दन के  थॉमसन फाउंडेशन से पत्रकारिता संबंधित शिक्षण प्राप्त किया हैं। वें ३ दशक से पत्रकारिता से जुड़े हुए हैं, तथा युवा  मंच (मासिक) व मनोरम अप्सरा (मासिक) जैसी पत्रिकाओ का सफल संपादन भी किया हैं. आप स्पोर्ट्स जर्नालिस्ट फोरम के संस्थापक व अध्यक्ष तथा  नेपाल खेलकूद पत्रकार मंच के संस्थापक व संयोजक हैं।

प्रकाशित पुस्तकें : (१) जिये स्वाभिमान भी, १९९६ (२) तुम्हीं से कहता हूँ, २०११ (कविता संग्रह) (३) कथाद्वीप, १९७७ (कथा संग्रह)




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